आम तौर पर विभिन्न अनुष्ठान, उपवास और पारंपरिक संगीत और नृत्य का उत्सव शामिल होता Navratri 2023 Day 6 हैं। नवरात्री का प्रत्येक दिन देवी के एक अलग पहलू से जुड़ा हुआ है, और इसका समापन दसवें दिन दशहरा में होता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह एक जीवंत और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे भारत और दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है।
Navratri 2023 Day 6

दोस्तों आप सभी को नवरात्री के इस पावन अवसर पर आप सभी को शारदीय नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं । Navratri 2023 Day 6 इस नवरात्री में सभी जगहों पर हमे मां दुर्गा पूजा अर्चना करने का लाभ मिलता है।आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे की इस नवरात्री दिनो में कई सारे लोग डांडिया खेलने जाते है,तो कई जगहों पर माता के मंदिरों में दर्शनों के लिए भक्तो को भीड़ देखने को मिलती है। आज हम माता की पूजा अर्चना कैसे करते है और भोग क्या लगाते है इसके बारे में थोड़ी जानकी देखने वाले है।
Navratri 2023 Day 6 : आज का रंग

नवरात्रीमें 9 दिन माता के अलग अलग रगों की कई सारी विशेषता है आज दिन 6 है और आज का रंग है हरा ( Green) जो खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। नवरात्री में 9 दिन सभी महिलाएं रोजाना जो रंग है उसी रंग के वस्त्र धारण करती है,और माता को भोग लगती है,
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Navaratri 2023

नवरात्री के पावन अवसर पर कई जगहों पर त्योहार मनाया जाता है,जिसमे गरबा नृत्य, डांडिया नृत्य, विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इस शुभ त्योहार की शुरुवात 15 अक्टूबर को ही गई है,और 24 अक्टूबर तक इस त्योहार की समाप्ति तिथि की जाएगी। लगातार 9 दिनो तक कई सारे लोग माता इस नवरात्रि में उपवास रखते है।और माता का आशीर्वाद लेते है।जिससे जीवन में ऊर्जा निर्माण होती है। माता के विराट रूप में सभी पीढ़ा हराने की शक्ति है।
Navratri Day 6

नवरात्री के 9 दिन भक्त मां दुर्गा की पूजा करते है,और उनसे आशीर्वाद मांगते है, हर साल के 9 दिन यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है,और माता से गुजारिश करते है की सभिको स्वस्थ और सुखी रहने का आशीर्वाद मांगते है। मां के विराट रूप में आठ भुजाएं दिखाई देती है,और एक हाथ में धनुष बाण तो दूसरे है में अमृत कलश तो कही माला जो सभी को स्वस्थ और मजबूत ,ज्ञान और पोषण प्राप्त करने का आशीर्वाद लेते हैं।
Ambe Maa ki Aarti

जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
मांग सिंदूर विराजत, तिको मृगमदको।
उज्ज्वल से दोनों नैना, चंद्र बदन नीको।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गलमाला, कण्ठ हार बजावै।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
केहरि वाहन राजत, खड़ग खपर धारी।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
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